भाप्रसंबें-आरईआरआई (भाप्रसंबें-स्थावर संपदा शोध पहल)
भाप्रसं बेंगलूर की स्थावर संपदा शोध पहल (आरईआरआई) का उद्देश्य एक विश्व स्तरीय उत्कृष्टता केन्द्र के रूप में विकसित होना है, जो भारतीय स्थावर संपदा क्षेत्र पर वैज्ञानिक एवं अंतर्विषयक अनुसंधान संचालित करता है। शोध अग्रणी शैक्षणिक एवं व्यवसायी पत्रिकाओं में प्रकाशित होता है तथा सरकार और औद्योगिक पणधारियों को इस क्षेत्र से संबंधित प्रमुख मुद्दों पर मार्गदर्शन एवं नीतिगत निर्देश प्रदान करने की अपेक्षा होती है।
पिछले 6 माह की उपलब्धियाँ
अपने मिशन को आगे बढ़ाने की दृष्टि से आरईआरआई के लिए पिछले 6 महीने महत्वपूर्ण रहे हैं, जैसा कि नीचे वर्णन किया गया है।
अनुसंधान / नीति
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भाप्रसंबें स्थित आरईआरआई ने पूरे देश में मुद्रांक शुल्क एवं पंजीकरण प्रभारों में सुधारों का अध्ययन एवं सिफारिश करने के लिए राष्ट्रीय आवास बैंक (एनएचबी) से हाल ही में एक बड़ा अनुदान प्राप्त किया है। पहली बार बड़े पैमाने पर राष्ट्रीय परियोजना निष्पादित करने के अलावा आरईआरआई ने सरकारी एवं बैंकिंग डाटा तक भी पहुंच प्राप्त की है जो भावी अनुसंधान के लिए केन्द्र को महान अंतर्दृष्टि एवं अवसर प्रदान करेंगे।
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आरईआरआई ने आवास मंत्रालय के निर्देशन में आवास एवं शहरी विकास निगम (एचयूडीसीओ) से एक शोध अनुदान प्राप्त किया है जिसके तहत् इस बात का अध्ययन किया जाना है कि काले धन का सृजन, भंडारण और स्थावर संपदा की मूल्य श्रृंखला में पारेषण कैसे होता है। आरईआरआई को यह अनुदान नोटबंदी से पहले मिला था परंतु अब इस परियोजना ने केन्द्र सरकार के साथ अधिक कर्षण प्राप्त किया है।
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आरईआरआई संपत्ति प्रबंध की पत्रिका के एक विशेषांक का सह संपादन कर रहा है जो स्थावर संपदा के क्षेत्र में अग्रणी पत्रिका है।
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शोध परियोजनाओं पर संयुक्त रूप से काम करने के लिए आरईआरआई ने मेलबोर्न स्कूल ऑफ डिज़ाइन, मेलबोर्न विश्वविद्यालय के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। अनुसंधान तथा डाटा सहयोग की समान व्यवस्थाओं के लिए केन्द्र अन्य विश्वविद्यालयों के साथ भी बातचीत कर रहा है।
डाटा
भाप्रसंबें में स्थित आरईआरआई ने एक बड़ी बैंक के साथ तथा कुछ अग्रणी संपत्ति डाटा विक्रेताओं के साथ डाटा का आदान-प्रदान करने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं।
उद्योग पहुँच
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भाप्रसंबें में स्थित आरईआरआई ने हाल ही में अधिनियमित स्थावर संपदा विनियामक अधिनियम की कार्यनीति एवं नीतिगत कमियों पर भारत की स्थावर संपदा विकास संघ का परिसंघ (सीआरईडीएआई) के लिए कार्यशाला का आयोजन किया। अपने मुख्य विचारों को सारांश रूप में प्रस्तुत करते हुए आरईआरआई एक प्रथम पुस्तक तैयार करेगा।
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उद्भवन के लिए शहरी प्रबंध के क्षेत्र में विचारों को अभिचिह्नित करने के लिए इसने अक्टूबर 2016 में सफलतापूर्वक अर्बन वेंचर चैलेंज कॉन्टेस्ट की सह मेजबानी की। यह कार्यक्रम भाप्रसंबें परिसर में आयोजित किया गया जिसमें अनेक शहरी नागरिक विशेषज्ञों तथा वित्त पोषण समुदाय के प्रतिनिधियों के लगभग 10 दलों (कुल 100 से अधिक प्रविष्टियों से) ने अपनी गतिविधियों का प्रदर्शन किया। कार्यक्रम भाप्रसंबें- आरईआरआई, एनएसआरसीईएल और अर्बन वेंचर प्रयोगशाला द्वारा संयुक्त रूप से प्रायोजित किया गया तथा इसमें स्टैनफोर्ड युनिवर्सिटी सेंटर ऑन डेमोक्रेसी, डैवलपमेंट ऐंड दी रूल ऑफ लॉ, एशिया इनिशिएटिव्स ने भाग लिया।
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स्थावर संपदा के क्षेत्र में स्टार्टअप की पहचान करने और उद्भवित करने हेतु एक मूल निधि स्थापित करने पर आरईआरआई इस समय एक अग्रणी प्रापर्टी डवलपर्स से बातचीत कर रहा है।
आरईआरआई ने हाल ही में आम जनता के लिए प्रयोग करने में सरल पोर्टल का सृजन किया है ताकि वे तय कर सकें कि उनकी संपत्ति 'राजकलुव्स' का अतिक्रमण कर रही है या नहीं। यह भूमि एवं स्थावर संपदा से संबंधित मामलों पर आम जनता को शिक्षित एवं सूचित करने के लिए आरईआरआई की सामुदायिक पहुँच परियोजना का अंग है।
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अनुसंधान:
हमें एलएसई आधारित आईजीसी (http://www.theigc.org/)
से भारतीय भूमि एवं आवास बाजारों की जांच करने के लिए अब तक तीन अनुसंधान अनुदान प्राप्त हुए हैं (ये परियोजनाएँ विशेष रूप से संपत्ति बाजार में सच बोलने, भूमि बाजार में ई-नीलामी की कारगरता को बढ़ावा देने तथा मलिन बस्तियों में रहने वाले लोगों को नि:शुल्क स्वत्वाधिकार प्रदान करने के आर्थिक मूल्य का आकलन करने के लिए सरकार की प्रतिस्पर्धी नीतियों की कारगरता का अध्ययन करेंगी)
- हमने इंडियन हाउसिंग फेडरेशन (आईएचएफ) के साथ डाटा साझेदारी स्थापित की है जिसका प्रमोटर अशोका(https://www.ashoka.org/global)
- जनाधार (http://www.janaadhar.com/)
- मैजिकब्रिक्स जिसका स्वामी टाइम्स ग्रुप है (http://www.magicbricks.com/)
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इसके अलावा हम निम्नलिखित के साथ डाटा साझेदारी को अंतिम रूप देने के करीब हैं
- डीबीएस कम्युनिटीज (http://www.dbscommunities.com/)
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फैकल्टी ऑफ आर्कीटेक्चर, बिल्डिंग एंड प्लानिंग, मेलबोर्न विश्वविद्यालय
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हमारे पास निम्नलिखित डाटाबेस हैं :
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बेंगलुरु में संपत्ति पंजीकरण डाटा
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बेंगलुरु में संपत्ति मूल्यांकन डाटा
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10 भारतीय शहरों के लिए प्रापर्टी लिस्टिंग डाटा
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प्रापर्टी प्राइसिंग डाटा (हम इसे प्राप्त करने की प्रक्रिया में हैं)
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आज हमारे पास तीन वर्किंग पेपर हैं, जिसमें से नवीनतम पेपर ''डिस्टॉर्शंस इन लैंड मार्केट्स ऐंड देयर इम्पैक्ट ऑन क्रेडिट जनरेशन इन इंडिया'' है
सम्मेलन में भागीदारी / आमंत्रण :
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एनवाईयू का पहला भारतीय अनुसंधान सम्मेलन
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दक्षिण एशिया में राजनीति एवं अर्थशास्त्र की भूमि पर एनयूएस के दक्षिण एशियाई अध्ययन संस्थान का सम्मेलन
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डब्ल्यूईएफ की पार्टनरिंग अगेंस्ट करप्शन इनिशिएटिव कार्यशाला
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भारत में स्थावर संपदा में कानून एवं प्रथा पर नेशनल लॉ स्कूल ऑफ इंडिया युनिवर्सिटी का सम्मेलन
नीति में भागीदारी :
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हम दावोस में विश्व आर्थिक मंच में स्थावर संपदा के मुद्दों के लिए सलाहकार समिति के सदस्य हैं
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संसद की चयन समिति को स्थावर संपदा विधेयक पर राय प्रदान करने के लिए हम चुने गए विशेषज्ञों में से एक थे
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हम ऐसे बाहरी विशेषज्ञों में से एक थे जिनसे दिवालिया कानून सुधार समिति ने मशविरा किया
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हम कर्नाटक सरकार की अनेक समितियों (सुलभ नंदनी, यूपीओआर आदि) के सदस्य हैं
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हम सरल एवं कारगर ढंग से मूल्यांकन डाटा एकत्र करने और प्रदान करने के लिए बैंक द्वारा शामिल किए गए मूल्यांककों हेतु एक पोर्टल का विकास कर रहे हैं (यह एचयूडीओसी द्वारा वित्त पोषित है)
मीडिया एवं सामुदायिक पहुँच :
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हमने टीवी मीडिया (जैसे कि ईटी नाऊ और एनडीटीवी) में स्थावर संपदा की अनेक चर्चाओं में भाग लिया है
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हमने लेख लिखे हैं तथा मिंट, इकोनॉमिक टाइम्स, बिज़नैस स्टैंडर्ड हिंदू बिज़नैस लाइन आदि जैसे प्रिंट मीडिया में उनको उद्धृत किया गया है
- एक क्राउड सोर्सिंग पोर्टल (http://iboughtproperty.com/) के माध्यम से हमने रियल एस्टेट के मूल्य निर्धारण को पारदर्शी बनाने का प्रयास शुरू किया है
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हमारा एक तिमाही हाउसिंग सेंटीमेंट इंडेक्स है जो मैजिकब्रिक्स के साथ मिलकर भारत के 10 प्रमुख शहरों में क्रेताओं के मनोभावों को प्रग्रहण करता है।