उपभोक्ता अंतर्दृष्टि पर पहलें
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- जी शैनेश और सुश्रुत कुलकर्णी (2016), अरविंद आई केयर्स विज़न सेंटर्स – रीचिंग आउट टु दी रूरल पुअर। केस अध्ययन- http://bit.ly/2mUB2VV
- वी श्रीनिवासन, जी शैनेश और आनंद शर्मा (2015), ऐन अप्रोच टू प्रायरटाइज कस्टमर-बेस्ड, कॉस्ट- इफेक्टिव सर्विस एनहांसमेंट' दि सर्विस इंडस्ट्रीज जर्नल, http://bit.ly/1JDcZyc.
- शिरीश श्रीवास्तव और जी शैनेश (2015), ‘'ब्रिजिंग दि सर्विस डिवाइड थ्रू डिजिटली एनेबल्ड सर्विस इनोवेशंस : एविडेंस फ्रॉम इंडियन हेल्थकेयर सर्विस प्रोवाइडर्स' , एमआईएस क्वार्टरली, खंड 39, अंक 1 (मार्च), पृष्ठ 245-267 http://bit.ly/20KhKwU>
On Page 17 http://bit.ly/1qOs8qT -
ए विनेकर, सी गिलबर्ट, एम डोगरा, एम कुरियन, जी शैनेश, बी शेट्टी तथा एन बयेर (2014) 'दि केआईडीआरओपी मॉडल ऑफ कंबाइनिंग स्ट्रेटजीज़ फॉर प्रोवाइडिंग रेटिनोपैथी ऑफ प्रीमिच्योरिटी स्क्रीनिंग इन अंडरसर्व्ड एरियाज़ इन इंडिया यूजिंग वाइड-फील्ड इमेजिंग, टेली-मेडिसिन, नॉन-फिजिशियन ग्रेडर्स ऐंड स्मार्ट फोन रिपोर्टिंग'। इंडियन जर्नल ऑफथैलमोलॉजी; 62 (1), 41-9
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ग्लोबलेंस में द्वितीय पुरस्कारhttp://www.globalens.com 2014 केस स्टडी के लिए नैक्स्ट बिलियन केस राइटिंग कॉम्पिटीशन, नारायण नेत्रालय : एक्सपेंडिंग अफोर्डेबल आई केयर
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आईआईएम-बी, स्विस वर्सिटी वर्किंग आन ऑल्टरनेटिव हेल्थकेयर मॉडल्स
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एफोर्डेबल हैल्थकेयर पर कार्यशाला, 11-12 नवंबर, 2013, भाप्रसंबें परिसर
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इफेक्ट ऑफ ट्रस्टवर्दीनेस ऐंड ट्रस्ट ऑन लॉयल्टी इंटेनशंस : वैलिडेटिंग ए पार्सिमोनियस मॉडल इन बैंकिंग