इतिहास
1947 के पश्चात स्वतंत्र भारत की सरकार ने देशज विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के विकास पर ध्यान दिया । जैसा कि एक प्रौद्योगिकी आधार सृजित किया जा रहा था, यह स्पष्ट हो गया कि देश को प्रबंध प्रतिभा और संसाधनों को एक साथ बढ़ाने की आवश्यकता है । इसी कारण देश में भारतीय प्रबंध संस्थानों का निर्माण किया गया । भारतीय प्रबंध संस्थान, बेंगलूर की स्थापना 1973 में की गई ।
भाप्रसंबें के शुरूआती वर्षों पर एक लेख से उद्धरण
भाप्रसंबें के साथ विकास – जी वी के राव
भारत सरकार द्वारा दो प्रबंध संस्थान प्रारम्भ किए गए थे – एक अहमदाबाद में और दूसरा कलकत्ता में । कर्नाटक सरकार इच्छुक थी कि बेंगलूर में भी इसी प्रकार का संस्थान प्रारम्भ किया जाए ।
पहले दो संस्थान यूएस के मॉडल्स (प्रतिरूपों) पर आधारित थे और विशेष रूप से प्राइवेट सेक्टर के प्रशिक्षित प्रबंधकों की आवश्यकताओं को पूरा कर रहे थे । भाप्रसं अहमदाबाद एवं भाप्रसं कलकत्ता में प्रशिक्षित व्यक्तियों को विभिन्न कारणों से सार्वजनिक सेक्टर के संस्थानों में रोजगार प्राप्त नहीं कर सके । इसका एक मुख्य कारण प्राइवेट सेक्टर, विशेष रूप से बहुराष्ट्रीय संगठनों की तुलना में सार्वजनिक क्षेत्र का कम पारिश्रमिक था । यह उस समय हो रहा था जब सार्वजनिक सेक्टर के द्वारा अर्थव्यवस्था चरम सीमा पर थी । अनेक सार्वजनिक सेक्टर संस्थान प्रारम्भ किए थे और केंद्रीय एवं राज्य सरकार क्रमशः दोनों द्वारा बड़े निवेश किए गए ।
अतः यह महसूस किया गया कि बेंगलूर में ऐसे संस्थान खोले जाएँ जो सार्वजनिक सेक्टर की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सक्षम व्यक्तियों को तैयार कर सकें । ध्यान में रखे गए संस्थान थे – निगम जैसे विद्युत मंडल, जलापूर्ति मण्डल एवं एचएमटी, आईटीआई, बीईएमएल, सड़क परिवहन, निगम, नगरपालिका निगम और अन्य समान संस्थान । इन क्षेत्रों में भी काफी निवेश किया गया था और वे भी प्रबंधन हेतु सक्षम व्यक्ति चाहते थे ।
अतः बेंगलूर में प्रस्तावित संस्थान में बुद्धिमान युवा व्यक्तियों के लिए प्रबंध पाठ्यक्रम संचालित करने का विचार था, जिनसे अपेक्षा थी कि वे सार्वजनिक क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रबंधकीय पदों को हासिल करें । इस मामले पर राज्य सरकार द्वारा गठित अनेक तदर्थ समितियों में और भारत सरकार से चर्चा की गई । बेंगलूर में प्रस्तावित संस्थान के लिए कर्नाटक सरकार ने 100 एकड़ भूमि निःशुल्क प्रदान की और कॉर्पस में रु.30 लाख का अंशदान दिया । डॉ. एल एस चंद्रकांत एवं श्री रवि मथाई के साथ चर्चाएँ की गईं ।
श्री टी ए पाई पहले अध्यक्ष बनने को सहमत हो गए थे । एन एस रामस्वामी, जोकि उस समय एनआईटीआईई के निदेशक थे, को प्रथम निदेशक नियुक्त किया गया । पर्याप्त प्रारम्भिक कार्य किया गया और नए संस्थान का उद्घाटन 28 अक्तूबर, 1973 को उस समय की प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी द्वारा किया गया ।
संस्थान की शुरुआत सैंट जोसेफ़ कॉलेज ऑफ कॉमर्स और कुछ अन्य भाड़े पर लिए गए भवनों में की गई । अनेक कठिनाइयाँ आईं, किन्तु उनका सामना भली-भाँति किया गया । सबसे महत्वपूर्ण कठिनाई यह थी कि भाप्रसंबें से उत्तीर्ण स्नातकों को सार्वजनिक सैक्टर में अभिमुखीकरण के बावजूद सार्वजनिक सैक्टर संस्थानों द्वारा उनको नियुक्त करने से इंकार करना था ।
राज्य सरकार द्वारा दी गई भूमि बेंगलूर के बन्नेरघट्टा रोड पर चुनी गई और भाप्रसं बेंगलूर को यह निःशुल्क दी गई थी ।
स्टैन, दोषी एवं भल्ला को वास्तुकार के रूप में नियुक्त किया गया था और बहुत अच्छा प्लान तैयार किए गए थे ।
प्रारम्भिक वर्षों के दौरान मुझे गवर्नर मण्डल के सदस्य के रूप में और वर्ष 1991 से 1996 के दौरान अध्यक्ष के रूप में भाप्रसंबें के साथ जुड़े रहने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था ।
श्री एन एस रामस्वामी ने पहले निदेशक के रूप में संस्थान को संगठित करने में पर्याप्त कार्य किया । प्रोफेसर फिलिप ने श्रम अनुशासन एवं संबंधित मामलों जैसी कुछ समस्याओं को सुलझाया । डॉ. के आर एस मूर्ति ने प्रोफेसर फिलिप के बाद कार्यभार संभाला । उन्होंने 1992 से 1997 के दौरान कार्य किया और वे संस्थान को उत्कृष्टता तक पहुँचाने के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार थे । यह महत्वपूर्ण उपलब्धियों का सतत् वृतांत रहा है ।
सार्वजनिक सेक्टर की आवश्यकताओं की पूर्ति करने का मकसद पूरा नहीं किया जा सका । अतः धीरे-धीरे संस्थान ने भारतीय स्थिति की बदलती हुई माँगों को पूरा करना प्रारम्भ किया । 1991 तक देश में विकास के विचारों में परिवर्तन आया और उदारीकरण तथा सार्वभौमीकरण को समय की माँग के रूप में स्वीकार किया गया, जिसका असर पिछले 7-8 वर्षों में भाप्रसंबें के कार्य करने के तरीकों पर पड़ा । इसे मूल इरादों से विक्षेपण नहीं माना जा सकता है । यह परिस्थितियों द्वारा लाया गया एक सुव्यवस्थित परिवर्तन है, जोकि समय की माँग के अनुरूप इन्हें अपनाना, संस्थान की परिपक्वता को दर्शाता है ।
परिसर भली-भाँति विकसित हो चुका है । बड़ी संख्या में पेड़ लगाए गए हैं और एक सुखद माहौल सृजित किया गया । पुस्तकालय योजनाबद्ध तरीके से बनाया गया । कक्षा कक्ष और शयनागार सभी मास्टर प्लान के अनुरूप हैं ।
भाप्रसंबें उत्पाद को अच्छी नागरिकता के मूल गुणों सहित अच्छा, सुप्रशिक्षित होना ही है । यह संस्थान के लक्ष्य को ध्यान में रखकर किया गया : उत्कृष्टता केन्द्र होना, श्रेष्ठ का चयन सर्वोत्तम व्यावसायिक एवं जिम्मेदार नागरिक बनना एवं उनसे अच्छा कार्य करने की अपेक्षा करना ।
मैनेजमेंट पर्सपैक्टिव-एस्सेज़ ऑन मैनेजरियल प्रयॉरिटीज़ ऐंड मैनेजमेंट एजुकेशन से; भारतीय प्रबंध संस्थान बेंगलूर के रजत जयंती के स्मरणोत्सव में ।
मैकमिलन इंडियन लिमिटेड द्वारा प्रकाशित, 1999 ।
27 मार्च भाप्रसंबें का निगमन भाप्रसंबें को तत्कालीन मैसूर सोसायटी अधिनियम के तहत् सोसायटी के रूप में पंजीकृत किया गया । श्री टी ए पई को गवर्नर मंडल का पहला अध्यक्ष नियुक्त किया गया । |
जुलाई पीजीपी की शुरूआत पहले बैच के 51 छात्रों ने संस्थान में प्रवेश लिया |
17 मई भाप्रसंबें के स्नातकोत्तर कार्यक्रम को भारतीय विश्वविद्यालय संघ से मान्यता मिली भाप्रसंबें द्वारा प्रदत्त किया जाने वाला पीजीडीएम प्रबंध में मास्टर डिग्री के समकक्ष है 27 नवंबर गुदली पूजा : भाप्रसंबें परिसर के लिए भूमि पूजन अनुष्ठान गवर्नर मंडल के अध्यक्ष श्री गोविंद नारायण द्वारा संपन्न किया गया |
जुलाई भाप्रसंबें ने नए परिसर से काम करना आरंभ किया परिसर की डिजाइन विख्यात वास्तुकार बी वी जोशी द्वारा तैयार की गई है । |
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1972 |
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1978 |
1982 |
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1973 |
1976 |
1980 |
1983 |
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अगस्त पहला कार्यपालक शिक्षा कार्यक्रम संचालित किया गया भाप्रसंबें 2 एमडीपी कार्यक्रम संचालित करता है निदेशक एन एस रामास्वामी के नेतृत्व में अनुसंधान एवं परामर्श गतिविधियाँ शुरू की गईं |
1 जनवरी प्रबंध में फेलो कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया आरंभिक सत्र में प्रवेश प्राप्त छात्रों की संख्या 12 थी 10 जुलाई पीजीपी स्नातकों के लिए पहला दीक्षांत समारोह पहले दीक्षांत समारोह में 48 छात्र स्नातक हुए; अधिकांश छात्रों ने सार्वजनिक क्षेत्र में नौकरी प्राप्त की |
भाप्रसंबें का पहला फेलो प्रदान किया गया एस चिदम्बरा अय्यर पहले प्रबंध में फेलो स्नातक हुए |
पहला उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किया गया कंप्यूटर सहायता प्रबंध केंद्र ने काम करना आरंभ कर दिया |
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भाप्रसंबें वैश्विक हो गया है : सियाटिल, यूएसए में वाशिंगटन विश्वविद्यालय; आस्ट्रेलिया में मेलबोर्न व्यवसाय विद्यालय; यॉर्क विश्वविद्यालय, ओंटारियो, कनाडा; कोपेनहेगेन व्यवसाय विद्यालय के साथ पहले विनिमय साझेदारी करार पर हस्ताक्षर किए गए |
मार्च भाप्रसंबें का रजत जयंती दीक्षांत समारोह |
28 अक्टूबर भाप्रसंबें के विशिष्ट भूतपूर्व छात्र पुरस्कारों का गठन किया गया |
जून भाप्रसंबें ने ईएफएमडी से ईक्यूयूआईएस प्रत्यायन प्राप्त किया विश्वव्यापी 139 शैक्षणिक संस्थानों के विशिष्ट समूह में शामिल हुआ 15 सितंबर भाप्रसंबें और भारतीय विज्ञान संस्थान ने साझेदारी स्थापित की विज्ञान आधारित बौद्धिक संपदा से संबंधित प्रौद्योगिकी एवं नवाचार प्रबंध की गतिविधियाँ शुरू करने के लिए ऐतिहासिक कदम |
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1997 |
1999 |
2007 |
2010 |
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1998 |
2002 |
2009 |
2011 |
2012 |
27 अगस्त सॉफ्टवेयर उद्यम प्रबंध में स्नातकोत्तर कार्यक्रम आरंभ किया गया पहले बैच में 23 भिन्न-भिन्न सॉफ्टवेयर कंपनियों से 58 छात्रों ने प्रवेश लिया |
मार्च उद्यमशीलता पर बल देने के लिए श्री नड़थूर एस. राघवन और ग्लोबल इंटरनेशनल वेंचर्स से प्राप्त अनुदान से उद्यमवृत्ति अध्ययन हेतु एन एस राघवन केंद्र स्थापित किया गया 07 जून सार्वजनिक नीति केंद्र ने सार्वजनिक नीति एवं प्रबंध में स्नातकोत्तर कार्यक्रम शुरू किया भारतीय सिविल सेवा के 28 सदस्यों ने नामांकन कराया |
जनवरी एड्युनिवर्सल ने भाप्रसंबें को मध्य एशिया में सर्वश्रेष्ठ प्रबंध विद्यालय का दर्जा प्रदान किया और विश्व में इसे 25वाँ स्थान प्रदान किया भाप्रसंबें को 5 पाम्स का दर्जा प्राप्त है जो यह दर्शाता है कि यह महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय प्रभाव के साथ एक सार्वभौमिक व्यवसाय विद्यालय है 29 जनवरी भाप्रसंबें ने भविष्य के लिए एक नया दीर्घावधिक विजन तैयार किया 03 अप्रैल एक वर्षीय ईपीजीपी शुरू किया गया 7 से 15 वर्ष के कार्य अनुभव वाले व्यवसायियों के लिए एक वर्षीय पूर्णकालिक आवासीय कार्यक्रम । पहले बैच में 70 छात्र हैं । |
बिजनेस टुडे सर्वे ने भाप्रसंबें को भारत में नंबर 1 प्रबंध विद्यालय का रैंक प्रदान किया गया भाप्रसंबें ने पूरी दुनिया में भाप्रसंबें केसों के वितरण के लिए हार्वर्ड बिजनेस पब्लिशिंग के साथ साझेदारी की यह हार्वर्ड विश्वविद्यालय की पूर्णत: स्वामित्व वाली सहायक कंपनी हार्वर्ड बिजनेस पब्लिशिंग और भारत के व्यवसाय विद्यालय के बीच इस तरह की पहली साझेदारी है । |
मार्च भाप्रसं बेंगलूर के खेल परिसर की भूमि पूजा |
100 छात्रों की क्षमता (प्रत्येक) वाले 8 कक्षाकक्षों के साथ नया कक्षाकक्ष परिसर का निर्माण किया गया भाप्रसंबें ने ईक्यूयूआईएस से 3 साल के लिए पुन: प्रत्यायन प्राप्त किया |
मार्च मार्च 2014 में भाप्रसंबें और टुलोस बिजनेस स्कूल, फ्रांस ने शिक्षण और अनुसंधान के क्षेत्र में सहयोग की दिशा में पहले कदम के रूप में एयरोस्पेस और विमानन प्रबंधन में भारत का पहला कार्यपालक सामान्य प्रबंध कार्यक्रम स्थापित करने के लिए करार पर हस्ताक्षर किए । एयरोस्पेस के क्षेत्र में स्थानीय प्रतिभाएँ विकसित एवं पोषित करने के लिए एयरबस इस कार्यक्रम की सहायता कर रहा है । नवंबर एड्युनिवर्सल, पेरिस द्वारा मध्य एशिया में सर्वश्रेष्ठ व्यवसाय विद्यालय का रैंक प्रदान किया गया । |
एमओओसीएस या व्यापक मुक्त ऑनलाइन पाठ्यक्रम डिजाइन करने और संचालित करने के लिए भारत में पहला प्रबंध विद्यालय बनने हेतु भाप्रसंबें ने ईडीएक्स, हार्वर्ड-एमआईटी मंच है, के साथ करार पर हस्ताक्षर किए । 2015 में भारत सरकार द्वारा छह नए भाप्रसं स्थापित करने की घोषणा के भाग के रूप में भाप्रसं, विशाखपट्टणम की स्थापना की गई । मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने भाप्रसं, विशाखपट्टणम के लिए भाप्रसंबें को परामर्शदाता विद्यालय के रूप में नियुक्त किया है । भाप्रसंबें के संकाय सदस्य भारत के सबसे नए भाप्रसं में पढ़ाते हैं । मई फाइनेंसियल टाइम्स एग्जीक्यूटिव एजुकेशन रैंकिंग 2015 में भाप्रसंबें शीर्ष 50 व्यवसाय विद्यालयों में शामिल होने वाला एकमात्र भारतीय व्यवसाय विद्यालय है । जून यूएस आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवसाय अकादमी, जो अंतर्राष्ट्रीय व्यवसाय संकाय के लिए विश्व का अग्रणी व्यावसायिक संघ है, ने पहली बार भारत में जून 2015 में भाप्रसंबें में अपनी वार्षिक बैठक का आयोजन किया । नवंबर नवंबर 2015 में, भाप्रसंबें ने ग्लोबल नेटवर्क के विद्यालयों के संकायाध्यक्षों एवं निदेशकों की मेजबानी की और इस प्रकार यह भारत में ग्लोबल नेटवर्क की मेजबानी करने वाला पहला प्रबंध विद्यालय बन गया । इंडोर बैडमिंटन कोर्ट, जिम, स्क्वैश कोर्ट, टेनिस कोर्ट और स्वीमिंग पूल के साथ परिसर में नए खेल परिसर का काम पूरा हो गया है |
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2013 |
2014 |
2015 |
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2016 |
2017 |
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अप्रैल राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग रूपरेखा (एनआईआरएफ), मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा समाक्रमित की गई 'इंडिया रैंकिंग 2016' द्वारा भाप्रसंबें को भारत में 'सर्वश्रेष्ठ प्रबंध संस्थान' का रैंक प्रदान किया गया । एड्युनिवर्सल, पेरिस द्वारा भाप्रसंबें को मध्य एशिया में 'सर्वश्रेष्ठ व्यवसाय विद्यालय' का रैंक प्रदान किया गया । फाइनेंशियल टाइम्स की 2016 हेतु मास्टर्स इन मैनेजमेंट रैंकिंग में भाप्रसंबें के प्रबंध में स्नातकोत्तर कार्यक्रम (पीजीपी) को विश्व के शीर्ष 20 कार्यक्रमों में स्थान प्राप्त हुआ है । मई फाइनेंशियल टाइम्स एग्ज़िक्युटिव एजुकेशन रैंकिंग 2016 द्वारा भाप्रसंबें के कार्यपालक शिक्षा कार्यक्रम (कस्टमाइज़्ड) को शीर्ष 50 कार्यक्रमों में स्थान प्रदान किया गया है । फाइनेंशियल टाइम्स एग्ज़िक्युटिव एजुकेशन रैंकिंग 2016 द्वारा भाप्रसंबें के कार्यपालक शिक्षा कार्यक्रम (मुक्त) को शीर्ष 60 कार्यक्रमों में स्थान प्रदान किया गया है । विश्व के 100 विश्वविद्यालयों की एससीएम रैंकिंग 2016 में भाप्रसंबें को शीर्ष 50 संस्थानों में स्थान प्राप्त हुआ है । सामाजिक उद्यमों के लिए उद्भवन की पेशकश करने हेतु भाप्रसंबें ने माइकल ऐंड सुसैन डेल फाउंडेशन के साथ साझेदारी की - मई 2016 और इस प्रकार यह भारत में गैर-लाभ स्टार्टअप के लिए ऐसी सुविधाओं की पेशकश करने वाला एकमात्र व्यवसाय विद्यालय बन गया है । अक्टूबर 21 अक्टूबर, 2016 को जिगनी तालुक, आनेकल जिले में भाप्रसंबें के दूसरे परिसर का भूमि पूजन अनुष्ठान संपन्न किया गया । नवंबर भाप्रसंबें और गोल्डमैन सैक्स ने महिला स्टार्टअप कार्यक्रम शुरू करने के लिए नवंबर 2016 में साझेदारी स्थापित की । इस कार्यक्रम के लिए 2000 से अधिक महिलाओं ने आवेदन किया; 50 महिलाओं ने परिसर में एक माह की कार्यशाला में भाग लिया और इस समय भाप्रसंबें के एनएसआरसीईएल में 15 महिलाओं को उद्भवित किया जा रहा है । उद्यमशीलता पर पाठ्यक्रम की पेशकश करने के लिए भाप्रसंबें और तेल अवीव विश्वविद्यालय ने नवंबर 2016 में हाथ मिलाया । दिसंबर भाप्रसंबें को अगले 5 साल की अवधि के लिए ईक्यूयूआईएस द्वारा पुनः प्रत्यायित किया गया । यह विश्वभर में प्रबंध विद्यालयों को वैश्विक प्रत्यायन संस्था द्वारा प्रदान किया गया सर्वोच्च प्रत्यायन है । |
जनवरी फाइनेंशियल टाइम्स ग्लोबल एमबीए रैंकिंग 2017 द्वारा भाप्रसंबें के प्रबंध में कार्यपालक स्नातकोत्तर कार्यक्रम (ईपीजीपी) को शीर्ष 50 कार्यक्रमों में रैंक प्रदान किया गया है । अप्रैल मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा भारत में प्रबंध विद्यालयों की एनआईआरएफ सूची 2017 में भाप्रसंबें को दूसरा रैंक प्रदान किया गया है । यह विद्यालय अनुसंधान कार्य एवं समावेशन के क्षेत्र में अतिउत्तम कार्य कर रहा है । |